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मां, तुम और तुम्हारी चूड़ियां! { Full piece in Cap

मां, तुम और तुम्हारी चूड़ियां!
{ Full piece in Caption } जब जब मां तुम्हारी कंगन खनकती हैं
मुझे फ़िर से उसकी याद आती हैं!

लेकिन इसी बहाने अब जब भी तुम
वहीं कांच की चूड़ियां खरीदने जाती हो
तो हमें भी खुद को संवारने का मौका मिल जाता है
और वो आईने पर पड़ी धूल एक बार फिर हटा दिया करती हूं!
मां, तुम और तुम्हारी चूड़ियां!
{ Full piece in Caption } जब जब मां तुम्हारी कंगन खनकती हैं
मुझे फ़िर से उसकी याद आती हैं!

लेकिन इसी बहाने अब जब भी तुम
वहीं कांच की चूड़ियां खरीदने जाती हो
तो हमें भी खुद को संवारने का मौका मिल जाता है
और वो आईने पर पड़ी धूल एक बार फिर हटा दिया करती हूं!
nojotouser1997996959

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