अक्सर लोग पूछते रहते हैं, मुझे कितना प्यार करते हो? समझ नहीं पाया मैं कभी भी, प्रेम के भी मापदण्ड होते हैं.. मैं तो केवल इतना जानता हूं, प्यार केवल निरंतर प्रवाह है, कितना इतना की नहीं परवाह है, बंधनों में बंधा हुआ प्यार नही होता, प्रेम तो जीवन आधार जीवन उत्साह है, शायद चाहें पूरी होने को ही आजकल प्रेम कहने लगें होंगे लोग... *तभी ये पूछने का चलन बड़ा है *मुझसे कितना प्यार करते हो?* #yqप्यार #yqकितना_कुछ #yqकुलभूषणदीप