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White वो भी क्या दिन थे🌿 दोपहर के बाद कौन करता था

White वो भी क्या दिन थे🌿
दोपहर के बाद कौन करता था 
इंतजार शाम होने का 
चढ़ जाते थे तपाक से छत पर लेकर पतंग 
और मांझा पक्का लेकर दादी से 5 पैसे 
ले आते थे रंगीन पतंग 
फ़िर हवा तेज़ होती 
तो बांध लेते पूँछ फाड़ कर फट से 
ओढ़नी माँ की पुरानी
किन्नी बांधना भी एक कला थी 
और एक दोस्त लगाता ठेक्की ज़ोर से उछल कर 
पकड़ता छोटा भाई सद्दे धागे की चरखी 
बस थोड़ा सा मांझा आगे और फ़िर चली चली 
ढील चली लहरती हवा मे और चढ़ जाती गगन मे 
देर शाम तक मस्ती अठखेलियाँ छत पर 
फ़िर छीटते पानी छत पर 
लाकर बाल्टी निचे से चूने की उफ़न्ति छत 
और निकलती भाप और बिछाते दरी गद्दे 
फ़िर लड़ाई तकियों की 
सब भाई बहन की मस्ती दादी की कहानियाँ 
थके हुए पिताजी के दबाते पैर और छोटू तो 
खड़ा हो जाता पीठ पर 
फुदकता कूदता सो जाता थक कर माँ के पास 
देर रात तारों का जमघट परियों की रानी की कहानी 
ठण्डी हवा के झोंके 
उड़ती चादरे काटते मच्छर फ़िर अल सुबह उठकर 
सबकुछ समेटना 
होकर तैयार जाना स्कूल मिलना लंगोटिये यारों से 
वाह क्या दिन थे ना वो भी क्या दिन थे

©Andy Mann
  #वो_दिन  Kshitija Ravi Ranjan Kumar Kausik MRS SHARMA Sharma_N KK क्षत्राणी  Arshad Siddiqui Alpha_Infinity मेरेख्यालमेरेजज्बात irslan khan Danish M  Ritu Tyagi Sangeet... Sh@kila Niy@z Shayra Yusuf Shayar New  पंच_भाषी_लेखिका_तरुणा_शर्मा_तरु Sonia Anand Rameshkumar Mehra Mehra Dr. uvsays sushil dwivedi  Miss Anu.. thoughts the greatest gunjan शीतल चौधरी(मेरे शब्द संकलन ) {^MohiTRoCK F44^} My Loquacious World  My Loquacious World AARPANN JAIIN manshi writer Neel poonam atrey  Poonam Dr.Mahira khan Neelam Modanwal .. Niaz (Harf) Ashutosh Mishra  Bhanu Priya Surendra Kumar Kahar Bitterone_me Khushiram Yadav I am MiraJ  Anshu writer Jashvant Vijay Vidrohi KhaultiSyahi Santosh Narwar Aligarh  Santosh Narw Aligarh Ranjit Kumar Shilpa priya Dash vinay panwar Ak.writer_2.0  vineetapanchal