मैं उस मोड़ पर कर रहीं हूँ सफर अकेली जहाँ साथी की सख्त जरूरत है मुझको, वैसे तो सर्वज्ञानी बनते फिरते हो क्या मेरे इस दर्द का अंदाज़ा है तुमको रोमी की कलम से..... #तन्हाई #दर्द #इंतिजार