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अपने अपने स्वार्थ हैं, अपनी अपनी प्रीत। क्षण भंगुर

अपने अपने स्वार्थ हैं, अपनी अपनी प्रीत।
क्षण भंगुर नाते यहां, झूठी हैं सब रीत।।
चाहे जितनी दो खपा,स्वांसें इनके नाम।
पलभर में मिट्टी करें, वर्षों के सब काम।।
खून पसीना एक कर, कर्कश मिलते गीत। 
अंतर्मन घायल घना  ,फीके सब संगीत।।
धीरज फिर कैसे धरें,अपनों के हों बार।
जीवन पूरा नरक है,अपमानों का हार।। #dard #apman #nojoto #all
अपने अपने स्वार्थ हैं, अपनी अपनी प्रीत।
क्षण भंगुर नाते यहां, झूठी हैं सब रीत।।
चाहे जितनी दो खपा,स्वांसें इनके नाम।
पलभर में मिट्टी करें, वर्षों के सब काम।।
खून पसीना एक कर, कर्कश मिलते गीत। 
अंतर्मन घायल घना  ,फीके सब संगीत।।
धीरज फिर कैसे धरें,अपनों के हों बार।
जीवन पूरा नरक है,अपमानों का हार।। #dard #apman #nojoto #all