मुझको ना कोई रोक पाया (अनुशीर्षक में पढ़ें) मुझको ना कोई रोक पाया मुझको ना कोई रोक पाया हूँ हिम्मत से मैं भरी हुई बड़ती चली मैं विजय पथ पर चाहे जितनी भी बाधाएँ सामने थीं खड़ीं मैं युद्ध क्षेत्र की वीरांगना सी