शब्दों के पकवान रूपी तीर शब्द रूपी पकवान को परोसना भी एक कला है,कोई मिर्च मसाला लगाकर परोसता है, कोई कड़वाहट के अनुसार तो कोई मिष्ठान रूपी अपने अपने स्वादनुसार परोसता है, कोई आधे अधूरे कच्चा पक्का सा शाब्दिक पकवान परोसता है, इंसानियत की थाली में छप्पन भोग रूपी बनावटीपन के अभिमान रूपी पकवान परोसता है, तो कोई मान सम्मान से ओतप्रोत भावपूर्ण साधारण शाब्दिक पकवान की थाली परोसता है, शब्दों के तीर रूपी पकवान की थाली हर इंसान अपने अपने तरीके से पेश करता है, कोरा काग़ज़ शब्दों के तीर शब्दों के पकवान रूपी तीर #collabwithकोराकाग़ज़ #KKSC38 #शब्दोंकेतीर #विशेषप्रतियोगिता #कोराकाग़ज़