लाला दरद की गोली दे दे पैर बहुत पिरा रहे हैं।।।। चपरासी ने हाथ में जैसे ही दवा रखी,,, कहता है भट्टी की तरह तप रहा था.......... अम्मा, मैं अभागा तुम्हें पचास रुपए की दवा और बीस रुपए के समोसे खिला कर कैसे जिंदा रख पाऊंगा????? अम्मा.... तुम शाम तक कहां चली गईं।।।।।। ये बुखार है... क्या पता तुमको ले जाएगा!!!!!!!! लेकिन अम्मा दर्द शरीरों के साथ आत्माओं में भी है बहुत से लोग अपनी औकात के भगवान बने हुए हैं।।।।।। बेबसी में राम नाम सत्य है आवाजें सुनता हूं।।।।।।।।।। अम्मा, गरीबी और बुढ़ापा मेरा भी आखिर होगा।।।।।।।।। वैसे अभी भी शरीर सुन्न चल रहा है और सुइयों वाले हिस्से दर्द कर रहे हैं।।।।।।।। राम यादव 26.10.23 ©Ram Yadav #बुखार