◆दर्द-ए-दिल◆ कि जिनके इंतजार में हमने बिछा रखीं थीं पलकें वो ख़िलकर फ़ूल किसी ग़ैर के आँगन महका रहे हैं कि किया था वादा दामन थाम हमारा, निभाएंगे मृत्युपर्यन्त तक साथ तुम्हारा ख़ुशी या मजबूरी से पता नहीं, हर क़सम तोड़ के वो जा रहे हैं कि भूल गए वो, साथ गुजारे सारे लम्हें इस ख़ुशी में, हम उनकी यादों की महफ़िल सजा रहे हैं कि मयस्सर भी नहीं हमें, अपने आँखों में आँसू पर न चाहकर भी, उनकी दुआ के मुरीद बने जा रहे हैं कि गिरना, गिरकर संभलना अब आदत सा लगता है बिन डूबे हलक में मदिरा, अब नशा सा लगता है कि होता क्या है दर्द प्रेम का, हमसे नहीं पूछो ये वो दर्द है, जिसके सहारे जिंदगी से लड़े जा रहे हैं, अकेले ही बढ़े जा रहे हैं, अकेले ही जीये जा रहे हैं ...!! ~रavishingरoshan #alone #MyDiary #MyQuotes @NOJOTO #दर्द-ए-दिल #Life_Experiance ~RavishingRoshan