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जिंदगी हूं मैं आपकी साहब बड़ी मुराद से आपको मिली जर

जिंदगी हूं मैं आपकी साहब
बड़ी मुराद से आपको मिली
जरा समझिये मेरी लय को 
हर पल धड़कती  होकर तन्मय
चाहती इतना ही हूं आपसे
अपने शरीर को संतुलित रखीये
सुबह व्ययाम  और ज्यादा पैदल चलिये
उचित बोलिये और संतुलित खाहिये
मेहरवानी मुझ पर यह हर पल कीजिये
साथ मेरा जरा इस तरह निभाइये
आखिर हूं आपकी ना
अपनों की बात सुनियेना
✍💝कमल भंसाली जिंदगी हूं आपकी
जिंदगी हूं मैं आपकी साहब
बड़ी मुराद से आपको मिली
जरा समझिये मेरी लय को 
हर पल धड़कती  होकर तन्मय
चाहती इतना ही हूं आपसे
अपने शरीर को संतुलित रखीये
सुबह व्ययाम  और ज्यादा पैदल चलिये
उचित बोलिये और संतुलित खाहिये
मेहरवानी मुझ पर यह हर पल कीजिये
साथ मेरा जरा इस तरह निभाइये
आखिर हूं आपकी ना
अपनों की बात सुनियेना
✍💝कमल भंसाली जिंदगी हूं आपकी