अहसास के तराजू में तोला था तुझे एक दिन, थोड़ी चालाकी , थोड़ी मासूमियत दिखी थी उस दिन, परदे में रहकर तू खूबसूरत तो दिखती थी, तन से भी शीतल ही लगती थी, अहंकार था मुझे, तेरी काबिलियत पे, कुछ उमीदें भी जगा रही थी तेरी हैसियत पे, लेकिन तूने इसका तनिक भी न ख्याल रखा, वक्त की आंधी में खुद को न सम्हाल रखा, भूल के मंजिल को, मोहबत्त को चरम पे रखा, झूठ और बहाने का दामन हमेसा पलको पे सज़ा रखा, सब जानने के बावजूद, अनजाना बना था, चल रही थी तू जिस पथ पे, उसको भांप चूका था। खुद सम्हल जायेगी ठोकर खाकर एक दिन, बढ़ाएगी कदम सितरो की ओर, मुश्किलो की दीवार गिराकर, लेकिन अब सहा नही जाता, रोक टोक का रास्ता नही भांता, छोड़ देता तुझे, तेरी राह में, पर खुद से कुछ वादे किये मैंने जस्बात में, चौखट से शिखर तक का राह दिखाना है, हौसले का दीपक तुझमे जलना है। #प्रदीप सरगम# #Nojoto #Hindi #Love #PoetryOnline #poem #India #NightPath siyaaa🖤 unom ਚੰਦਰ ਬਾਬੂ ਸ਼ਿਵਮ(Jassi)