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मां के आंचल की छाया जिसे भेद न पाया आज तक कोई दुख

मां के आंचल की छाया जिसे भेद न पाया आज तक कोई दुख का साया
सर्दी में गर्मी और गर्मी में ठंडक का एहसास मां के आंचल से ही मानव ने पाया
कब भूख लगे कब प्यास बच्चे को उसके केवल रोने से
 ये भावना मां के अलावा ना कोई समझ पाया
मां के आंचल की छाया जिसे भेद न पाया आज तक कोई दुख का साया
नौ महीने गर्भ में रखकर बड़े दुखों को सहन कर है मां ने हमें जन्माया
भावनाएं व्यक्त कर सके इस काबिल बनाने को मां ने हमें बोलना सिखाया
मां के आंचल की छाया जिसे भेद न पाया आज तक कोई दुख का साया
हम चल सके अपनी मर्जी से उसके लिए चलाना भी हमे मां ने ही सिखाया 
तबियत चाहे जैसी भी हो मां की पर कभी भूखा ना हमे सुलाया 
कहने को तो इंसान है मां पर मां ने ही खुदा का क्या होता है हमें समझाया
मां के आंचल की छाया जिसे भेद न पाया आज तक कोई दुख का साया
लिखूं क्या मां की ममता महान को ये लिखने की कला भी तो 
मां ने ही हमे सिखाया
मां तो सब समझ जाती है दुख दर्द हम सबके पर कोई मां को समझ ना पाया
मां के आंचल की छाया जिसे भेद न पाया आज तक कोई दुख का साया।
HAPPY MOTHER'S DAY
 TO 
ALL NOJOTO FAMILY 🤱🧑‍🍼।

©alone boy
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