*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“24/1/2022”*📚 🖋️ *“सोमवार”* 👧🏻 *एक “संतान” तो “परमात्मा” का ही “अंश” होती है* *इसलिए “पुत्र” “पुत्री” में भेद करना उचित नहीं* *किंतु तब भी “कुछ व्यक्ति” ऐसी “मूर्खता” कर बैठते है* *क्योंकि वे “कन्या” की “महिमा” से “अपरिचित” है* *कि “कन्या” का “सम्मान” करना प्रत्येक “व्यक्ति” का “धर्म” है* *क्योंकि “कन्या” “जीवनदायिनी” है* *एक “कन्या” “विवाह” के पश्चात “दो कुलों” को जोड़ती है वो जननी है* *और “जननी” तो केवल “सत्कार” के योग्य होती है “उपेक्षा” के नहीं* *उसका “तिरस्कार” नहीं किया जाता...* और पुत्री (कन्या) का सम्मान तो सदैव करना चाहिए, *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“24/1/2022”*📚 🖋️ *“सोमवार”* 👧🏻 *#“कन्या”* *#“विवाह”*