चंदा सा मुखड़े पर प्यारी ये आँखें! आफ़त की जड़ है तुम्हारी ये आँखें! डूबा जो भी उसने पाया ना साहिल, ना जाने है कितनी गहरी ये आँखें! पूछो जो मुझसे मोहब्बत का कारण, कहती है आँखें कजरारी ये आँखें! अच्छे- अच्छे बिरले चाकर हो जाये, कर दे इक फ़तवा गर जारी ये आँखें! ना पाये तुम्हें तो बेकल है रहता, तेरी ही आँखों की मारी ये आँखें! #nojoto#gazall