हार स्वीकार करते हैं उसे हंसकर भुलाते हैं वो अपनी जीत की धुन में ये अक्सर भूल जाते हैं वो सब कुछ जीत कर हारे, मैं सब कुछ हार कर जीता मेरे दुश्मन भी मुझको अब तो "बाज़ीगर" बुलाते हैं Written by #Shushobhit #Flower #बाज़ीगर #Shushobhit_Poetry