कभी कभी जैसे लगता है कि बहुत दूर निकल आए है हम जमाने से । तभी कोई बरखुरादर आकर हमारा वैहेम चकना चुर कर देता है । कभी कभी जैसे लगता है कि, क्या खूब जमती है हमारी जमाने से । तभी कोई अनजान शस्क आकर हमारा वैहेम अनजाने में ही तोड़ जाता है । - एक लेखक #nojato #Kavita #kahai #lifeexperience