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कभी कभी जैसे लगता है कि बहुत दूर निकल आए है हम जमा

कभी कभी जैसे लगता है कि
बहुत दूर निकल आए है हम जमाने से ।
तभी कोई बरखुरादर आकर हमारा
वैहेम चकना चुर कर देता है ।

कभी कभी जैसे लगता है कि,
क्या खूब जमती है हमारी जमाने से ।
तभी कोई अनजान शस्क आकर 
हमारा वैहेम अनजाने में ही तोड़ जाता है ।
           
                  - एक लेखक #nojato #Kavita #kahai #lifeexperience
कभी कभी जैसे लगता है कि
बहुत दूर निकल आए है हम जमाने से ।
तभी कोई बरखुरादर आकर हमारा
वैहेम चकना चुर कर देता है ।

कभी कभी जैसे लगता है कि,
क्या खूब जमती है हमारी जमाने से ।
तभी कोई अनजान शस्क आकर 
हमारा वैहेम अनजाने में ही तोड़ जाता है ।
           
                  - एक लेखक #nojato #Kavita #kahai #lifeexperience