वो ख़ामोशी में छुपा बैठा है राज़ कई, इन कानों तलक आ रही है आवाज़ वही, अँधेरों में धकेल दिया था उसी ने मुझको, रोशनी दिखा रही है आवाज़ वही। ज़हन से जाता ही नहीं दिन फुरकत का, फ़ीकी पड़ती जाती है एक आवाज़ वही, बदलता रहता है बोलने वाला फ़क़त, बदलती नहीं है बस आवाज़ वही। शोर, अबतरी, उलझन, तमाशा, दर्द में सुकून बख्शती है आवाज़ वही, ख़ुदा से भले ही रू-ब-रू ना हुए कभी, ख़ुदा की आवाज़ लगती है आवाज़ वही। ज़िन्दगी क़यामत के इंतज़ार में गुज़रेगी, बहिश्त दिलाएगी आवाज़ वही, मेरी ज़बान से जुदा हो जाए आवाज़ मेरी, आती रहेगी फिर भी आवाज़ वही। ©viJAY फुरकत - Separation अबतरी - Chaos बहिश्त - Heaven #love #shayari #hindishayari #poetry #hindipoetry #vijaywrites #aawaz #voice