टूटे इस रिश्ते में, आ कर के गिरह दे दो शिकवों को संग लाओ, लंबी सी जिरह दे दो अश्कों से भरी आँखें, ग़मगीन सी हैं रातें शामों में हो शामिल, मुझे अपनी सुबह दे दो तन्हाई के आलम में, मीलों मायूसी है जीवन में आ जाओ, इस ग़म को विरह दे दो अपने इस दिल मे तुम, थोड़ी सी जगह दे दो साँसों में समा जाओ, जीने की वजह दे दो चलो दिल की आवाज़ पर अमल करते हैं आओ रिश्ते को बचाने की पहल करते हैं गिरह - गाँठ जिरह- तर्क वितर्क, बहस #amit #maun #yqbaba #yqdidi #amitmaun