मेरा विचार आत्मा एक ऊर्जा है जो शरीर के जिस स्थान पर रहती है जब वो स्थान थक जाता है तो ये ऊर्जा उस स्थान पर चली जाती है जहा पर विचारो और भावनाओं का मेला लगा रहता है यहां आत्मा आकर भावनाओ और विचार शक्ती भर के जीवित प्राणियो जैसा बना देती जिसे प्राणियो का सपना देखना कहते जो स्थान थक जाता है उस स्थान परजहा प्लग या तार होते है लिकिन ऊर्जा न होने से शरीर में शक्ति नही रहती इस अवस्था को नीद आना कहते है जब संसारिक बुद्धी जागृति है तो ये ऊर्जा स्वंय अपने स्थान पर आजा जाती है यह ऊर्जा अच्छाई बुराई नही जानती यदि जानती होती तो इस संसार में अच्छाई ही अच्छाई होती क्यो क़ी बुराई को ये हाने नही देती ये तो शरीर के साथ रहकर अच्छाई नही जानती न ये अपने आप कुछ नही करती इसे प्राणियो द्वारा आदेश मिलने पर यह प्रकृति क़ी व्यवस्था के साथ और आपकी कोशिश भी रहती है प्राणियो के हाथ सिर्फ कोशिश है सफलता तो प्रकृति क़ी व्यवस्था के अनुसार मिलती है पढ़ने के लिए धन्यवाद ©SANDEEP KUMAR ऊर्जा आत्मा है #spark