बहुत रुक रूक कर चलना पड़ रहा है... यह सस्ता "झूठ" महंगा पड़ रहा है। तुम्हारे साथ जीना चाहता था..... तुम्हारे बिन तो जीना पड़ रहा है।🖤🖤 गज़ल ए ज़िंदगी