चाहा है मैने तुमको बड़ी सिद्दत से तेरे बिन तड़प के निकाली है कई रात, आके गई चाहे कितनी बरसात पर ना भुला में कभी अपनी पहली मुलाकात, तू सफेद पानी के जैसी सिमटी थी लाल रंग मे कैद मे सिसक रही थी तू उस शैतान की जकड़ मे, दी मैने तेरी मुह मांगी कीमत करने तुझे आजाद लेके अपने हाथों मे देखा तेरा नया अंदाज, खोल के तेरे ढक्कन को भर दी ग्लास मे बोतल से शराब, छलक गया पैमाना मेरा ना खत्म होने वाली थी शाम लगा के होंठों से तुझे पिया मैने एक बड़ा सा जाम, तब जाके आया कहीं मेरे दिल को करार रूह भी खिल उठी मेरी हुआ नशा जब सर पे सवार! Vodka!! #yqbaba #yqdidi #nasha #sharab #drink #shayri #kavita #hindi