न जाने क्या खोया, क्या पाया है अक्सर सभी ने ये जाल बहुत अच्छे से सजाया है, हुआ तनिक भी बुरा तो खो दिया, हुआ गर अच्छा तो संजो लिया देखो "हिमांश" उस इंसा ने फिर उलझने का, एक नया द्वार न जाने क्यों खोल दिया॥ #उलझनों का द्वार..!!!