"कबतक साला ये अल्लाह-भगवान, गाय-बकरी, हिन्दू-मुस्लिम, मंदिर-मस्जिद, जिहाद वगैरह का चुतियापा चलता रहेगा? हमको समझ ही नहीं आ रहा है कि असली समस्या क्या है, किसी को ध्यान ही नही देना है उस पर, देना भी है तो सिर्फ दुनिया पर तरस खाने के लिए, बस।" "अबे वो 3 साल का लौंडा तुम्हारे सामने हाथ फैलाए खड़ा है, वो दिख ही नही रहा है, क्यों? क्योंकि तुमको अपनी गाय बचानी है और तुमको अपनी 5 वक्त की नमाज़ ज़रूरी है। तुमको भुखमरी, गरीबी, पृथ्वी की बर्बादी ये सब नही दिखता! क्योंकि तुमको भगवान की तरफ़ अपने समर्पण का दिखावा करना है और तुमको अल्लाह की तरफ़। लेकिन भाई संभलकर! कहीं तुम उनके अल्लाह को और वो तुम्हारे भगवान को कुछ कह न बैठे, दंगे हो सकते हैं तब तो ना? सबका अपना-अपना तर्क भी मिलता है खुद को सही ठहराने को, वो तो कतई चूतियापे भरा होता है।" "माना कि सरकारें चुतिया बनाती हैं तुमको, तो क्या? तुम बित्ता भर के लौंडे हो क्या, जिसको अठन्नी की टाफ़ी देकर अपने गाल पर "किस्सी" ले लेता है हर कोई ? अबे तुम बनते ही काहे हो चुतिया, दिमाग़ है ना! उपयोग में लाओ, बार-बार तुमको कौन जगाने आएगा मेरेे भाई.!.!.! #meramazhab