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सुना है वो कहती है अब छोड़ दो ना हक़ जताना मुझपे अब

सुना है वो कहती है

अब छोड़ दो ना हक़ जताना मुझपे
अब छोड़ दो ना हक़ जताना मुझपे
 मैं किसी और की हो चुकी हूँ

मैंने कहा सुन पगली
जैसे सूरज का कोई वजूद नहीं होता रौशनी के बिना
वैसे ही मैं रह नहीं सकता था तेरे बिना ऐ दिलबर कभी
पर अब क्या करे तेरी यादों के सहारे जीना पड़ेगा
क्योंकि अब तू भी न चाहते किसी और का हो गया है छोड़ दो न  Sukh ghuman OneLine Quotes Sapna Singh Rishi Joshi
सुना है वो कहती है

अब छोड़ दो ना हक़ जताना मुझपे
अब छोड़ दो ना हक़ जताना मुझपे
 मैं किसी और की हो चुकी हूँ

मैंने कहा सुन पगली
जैसे सूरज का कोई वजूद नहीं होता रौशनी के बिना
वैसे ही मैं रह नहीं सकता था तेरे बिना ऐ दिलबर कभी
पर अब क्या करे तेरी यादों के सहारे जीना पड़ेगा
क्योंकि अब तू भी न चाहते किसी और का हो गया है छोड़ दो न  Sukh ghuman OneLine Quotes Sapna Singh Rishi Joshi