Nojoto: Largest Storytelling Platform

अजीत डोभाल का क्यों किया चुनाव❓ अब सवाल उठता है क

अजीत डोभाल का क्यों किया चुनाव❓

अब सवाल उठता है कि आखिर अटल बिहारी की सरकार थी तब अजीत डोभाल को क्यों कंधार भेजा था। ऐसा इसलिए क्योंकि अजीत डोभाल काउंटर टेररिज्म के एक्सपर्ट हैं तो सरकार ने उन्हें होस्टेज नेगोशिएशन की जिम्मेदारी दी थी। और ऐसा कर सरकार ने बिल्कुल सही कदम उठाया क्योंकि 190लोगों की जिंदगी का सवाल था।

अभी हमने हाल में देखा कि किस तरह एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी f-16 का मुकाबला करने के दौरान अभिनंदन जब पाकिस्तान में युद्ध बंदी के रूप में थे तो कैसे देश में एक वर्ग चिल्लपों मचा रहा था। उसकी एक ही मांग थी कि मोदी सरकार को पाकिस्तान के खिलाफ उठाए जा रहे तमाम कदमों रोक देना चाहिए। ये यही नेता लोग थे जो पुलवामा कांड के बाद पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाने की मांग कर रहे थे लेकिन जब मोदी सरकार के निर्देश पर भारतीय युवा सेना के जांबाजों ने हवाई हमले किए तो इन लोगों ने गिरगिट की तरह रंग बदलते हुए मोदी सरकार के खिलाफ - हलो शांति कमऑन‌ शांति का कैंपेन चलाया।

क्या किया अजीत डोभाल ने ❓

ऐसे में अजीत डोभाल ने रॉ, खुफिया सुरक्षा एजेंसियों के आला अधिकारियों के साथ मीटिंग की थी इनका काम आईसी-814 से जुड़ी तमाम जानकारियां एक दूसरे के साथ शेयर करना था। लेकिन इतने बड़े फैसले अधिकारी नहीं लेते बल्कि सरकार लेती है।

तब का माहौल और राजनीतिक दलों की समझ❓

उस समय देश के सभी राजनीतिक दलों खास को विपक्षी दलों, जनता का और मीडिया का भारी दबाव अटल बिहारी वाजपेई की सरकार पर था।वहीं दूसरी तरफ पीड़ित परिवारों में मातम का माहौल था जिन्हें अपने परिजनों के किसी भी पल हत्या की खबर मिलने का अंदेशा था।
 #NojotoQuote
अजीत डोभाल का क्यों किया चुनाव❓

अब सवाल उठता है कि आखिर अटल बिहारी की सरकार थी तब अजीत डोभाल को क्यों कंधार भेजा था। ऐसा इसलिए क्योंकि अजीत डोभाल काउंटर टेररिज्म के एक्सपर्ट हैं तो सरकार ने उन्हें होस्टेज नेगोशिएशन की जिम्मेदारी दी थी। और ऐसा कर सरकार ने बिल्कुल सही कदम उठाया क्योंकि 190लोगों की जिंदगी का सवाल था।

अभी हमने हाल में देखा कि किस तरह एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी f-16 का मुकाबला करने के दौरान अभिनंदन जब पाकिस्तान में युद्ध बंदी के रूप में थे तो कैसे देश में एक वर्ग चिल्लपों मचा रहा था। उसकी एक ही मांग थी कि मोदी सरकार को पाकिस्तान के खिलाफ उठाए जा रहे तमाम कदमों रोक देना चाहिए। ये यही नेता लोग थे जो पुलवामा कांड के बाद पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाने की मांग कर रहे थे लेकिन जब मोदी सरकार के निर्देश पर भारतीय युवा सेना के जांबाजों ने हवाई हमले किए तो इन लोगों ने गिरगिट की तरह रंग बदलते हुए मोदी सरकार के खिलाफ - हलो शांति कमऑन‌ शांति का कैंपेन चलाया।

क्या किया अजीत डोभाल ने ❓

ऐसे में अजीत डोभाल ने रॉ, खुफिया सुरक्षा एजेंसियों के आला अधिकारियों के साथ मीटिंग की थी इनका काम आईसी-814 से जुड़ी तमाम जानकारियां एक दूसरे के साथ शेयर करना था। लेकिन इतने बड़े फैसले अधिकारी नहीं लेते बल्कि सरकार लेती है।

तब का माहौल और राजनीतिक दलों की समझ❓

उस समय देश के सभी राजनीतिक दलों खास को विपक्षी दलों, जनता का और मीडिया का भारी दबाव अटल बिहारी वाजपेई की सरकार पर था।वहीं दूसरी तरफ पीड़ित परिवारों में मातम का माहौल था जिन्हें अपने परिजनों के किसी भी पल हत्या की खबर मिलने का अंदेशा था।
 #NojotoQuote