Story जिन्दगी जब भी ढ़लान पर पहुंची! बेबसी फिर तो उड़ान पर पहुँची!! रोशनी इतना सताती है क्यों हमको! तीरगी तो अब मकान पर पहुंची!! @अंजान 9453684144 Qaisar Ryu