प्रेम देकर प्रेम लेना है,तो फिर ये रिश्तों में क्यू हुआ मन अकेला है। .... अगर इंसान जिस के साथ रह के उस के मन को ना पढ़ सके वो इंसान का प्रेम ही केसा, कुछ जगह तो बस दिखता है पैसा। .... जितना नफ़रतो का ज्वाला हमारे लिए तुम्हारे दिल में बन जाएगा, तो रब भी तुमको ये नफरतें भरपूर दिलाएगा। .... ©jyoti gurjar #नफरतें