इच्छा शक्ति प्राकृतिक वरदान हैं। अनुशीर्षक में पढ़े। लोग कहते है, संतोष रखो क्यूंकि इच्छा कभी पूरी नहीं होती है, किन्तु हर इंसान के इच्छाओं की पूर्ति हो जाए और लोग जितने में हैं उतने में खुश हो जाए तो, कुछ कर जाने का जुनून कुछ पाने की जिद समाप्त हो जाएगी। अपने लक्ष्य के प्रति जुनून और जिद ही समाज में क्रांति लाती है। संतोष होते ही क्रांति लाने वाले तत्वो में भारी गिरावट आ जायेगी। "परिवर्तन संसार का नियम है।" यह नियम शायद असफल हो जाए। संतोष रखना और इच्छा शक्ति को मारना हमारे परिवार ,गांव, समाज तथा देश के विश्व विजेता बनने के सपनों की उड़ान के ,रफ़्तार को धीमा कर सकता है। इच्छा शक्ति के ख्तम होते ही लोग अपनी ऊर्जा का प्रयोग पूर्ण रूप से नहीं कर पायेंगे जितना उसमें निहित है।