#2YearsOfNojoto जैसे ही रात ने अँगड़ाई लेनी शुरू की ट्रेन में भी सन्नाटा छाने लगा देखते ही देखते पूरे ही डब्बे में नींद अपना कब्जा कर चुकी थी और केवल ट्रेन की छुक छुक की आवाज़ बाकी रह गयी थी। उसी सन्नाटे में मेरी कलम चीखने लगी हर सोये कान पे बारी बारी से दस्तक देने लगी मगर नींद के आगे उसकी एक ना चली बेचारी थक कर अपने मयार में वापस आगयी।उस रात में मेरा हमसफ़र बस अकेला एक चना बना मैंने- उससे कहा मेरे साथी बनोगे! .................. #NojotoQuote #nojotohindi