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दुनिया के किसी कोने में होगी जब भी बारिश मैं तुम्ह

दुनिया के किसी कोने में
होगी जब भी
बारिश
मैं तुम्हें याद आऊंगी
और 
मुझे तुम
क्योंकि बंदे हैं एक दूसरे
से तेरे मेरे जज्बात
और जब मैं याद आऊंगी
तुम बातें भी मेरी ही 
करोगे
किसी से 
और अकेले बैठे 
बहुत कुछ सोचोगे
मुस्कुराओ गे
क्यों है ना
यह जादूगरी....
कुछ मीठा और कुछ खट्टे एहसास
तेरे मेरे दरमियां।
याद रखना!
दुनिया के किसी भी कोने में होगी 
जब भी बारिश
मैं तुम्हें याद आऊंगी 
और 
मुझे तुम।

रंजीत कौर सावी
12.00 पी.एम.
29. जुलाई 2021

©Ranjit kaur savi #Ranjit #Kaur #savi#barish#Kavita

#NationalSimplicityDay
दुनिया के किसी कोने में
होगी जब भी
बारिश
मैं तुम्हें याद आऊंगी
और 
मुझे तुम
क्योंकि बंदे हैं एक दूसरे
से तेरे मेरे जज्बात
और जब मैं याद आऊंगी
तुम बातें भी मेरी ही 
करोगे
किसी से 
और अकेले बैठे 
बहुत कुछ सोचोगे
मुस्कुराओ गे
क्यों है ना
यह जादूगरी....
कुछ मीठा और कुछ खट्टे एहसास
तेरे मेरे दरमियां।
याद रखना!
दुनिया के किसी भी कोने में होगी 
जब भी बारिश
मैं तुम्हें याद आऊंगी 
और 
मुझे तुम।

रंजीत कौर सावी
12.00 पी.एम.
29. जुलाई 2021

©Ranjit kaur savi #Ranjit #Kaur #savi#barish#Kavita

#NationalSimplicityDay