देर रात बैठ कर कभी अभी भी तुम्हें याद करती हूॅं ये दिल का उमड़ता सैलाब थम जाए बहकने से पहले जानें कितने पन्ने बर्बाद करती हूॅं महफ़िल की शोहरत लालच ना बन जाए खुद ही अपने जज़्बातों को हलाल करती हूॅं वो 'हम' जो अतीत है हमारा मैं अकेले में जानें कितनी दफ़ा उससे मुलाकात करती हूॅं... ©Meena Arya abhi bhi tumhe yaad karti hun... #feelings #meenaarya #Love #Life #Memories #mohabbat #Like #Zindagi