ना जाने क्यों खामोशी ही अपनी पहचान बन गई तन्हाई ही खुशियां अकेलेपन में जान बस गई ना जाने क्यों.. खामोशी ही अपनी पहचान बन गई.. तन्हाई ही खुशियां.. अकेलेपन में जान बस गई..