तुम कुछ कहती नहीं,,,मगर बहुत कुछ सुनती हो,,,मेरी अनकही बातों को तुमने ही तो सुना है हाँ तुम औरों की तरह मेरे बारे में कोई ख़्याल नहीं बनाती ना ही मेरी आलोचना करती हो चुपचाप मेरी बातों को सुनती हो और मेरे दर्दों को बाँटती हो क्या यह काफ़ी नहीं कि मैं कहती रहूँ और कोई सुनता रहे हाँ यह तो शायद तुम ही हो ना,,,रात्रि #yostowrimo में आज रात से संवाद के रूप में एक कहानी लिखें। रात से बातें करना किसे नहीं पसंद। रात जो एक पात्र भी है और श्रोता भी। #रातसेसंवाद #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi