"नेताजी" 'कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें' "नेताजी" मुर्गे जैसे बाँग लगाए गली गली मे नेताजी, चुनाव आते ही सक्रिय हो जाते सबके प्रिय नेताजी। मेंढक जैसे कूद पड़ते हैं हर सभा में नेताजी, जहाँ विपदा आए गधे के सर से सींग जैसे गायब होते नेताजी।