घूम रहा हूँ बस्ती बस्ती मन में एक आस लिए कोई मिले जो ना कहे उसका दिल मैला है कब तक लोग जिए धोखे से क्यों कोई दूर रहे झरोखे से हो कुछ ऐसा जिसमें चाँद रूप लुटाता हो जिसमें सर्दी की धूप में तन मन नहाता हो! It's hard to find good people in the region. #kumaarsthought #kumaarwrites2022 #man #बस्ती