माना शिखर चढ़ जाओगे, कितना कुछ तुम पाओगे, कोई संगी साथी नहीं होगा तुम तन्हा ही रह जाओगे, अकेले से नहीं गाए जाते अरविंद, ये गीत खुशियों के ये शिखर अकेलापन होता है, खुशियां कैसे मनाओगे। ©Devkaran Gandas #शिखर_अकेलापन_होता_है