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अजनबी.. तुम मुझे ज़िंदगी कि शाम में क्यों मिले मिल

अजनबी..
तुम मुझे ज़िंदगी कि शाम में क्यों मिले
मिलना था तो दोपहर में मिलते..।

~ अमृता प्रीतम
"आपके जीवन की खुशी आपके विचारों की गुणवत्ता पर निर्भर करती है।"

 ~ मार्कस ऑरेलियस
"यदि आप सच कहते हैं, तो आपको कुछ भी याद रखने की आवश्यकता नहीं है।"

 ~ मार्क ट्वेन

©Mallika #तीन author
अजनबी..
तुम मुझे ज़िंदगी कि शाम में क्यों मिले
मिलना था तो दोपहर में मिलते..।

~ अमृता प्रीतम
"आपके जीवन की खुशी आपके विचारों की गुणवत्ता पर निर्भर करती है।"

 ~ मार्कस ऑरेलियस
"यदि आप सच कहते हैं, तो आपको कुछ भी याद रखने की आवश्यकता नहीं है।"

 ~ मार्क ट्वेन

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