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बात सारी गज़ब वो करता है, दिल जो चाहे मगर न कहता ह

बात सारी गज़ब वो करता है,
दिल जो चाहे मगर न कहता है।

दरमियाँ कुछ नहीं है वैसे तो,
साथ हो वो नहीं तो खलता है।

उसकी आंखें जो कह रही हैं यूं,
जाने कहने से क्यूँ वो डरता है।

भूल जाना उसे नहीं मुमकिन,
चांंद ये रोज जो निकलता है।

कितने आये गये मगर देखो, 
दिल में अब भी वही खटकता है।

©Shailesh Maurya #गजल #शैलशायरी #शायरी 

#MereKhayaal  mohd Raza8 shayar Amar singh'nidhi Priyanka Jha Shamsher Junaid Khan Vishakha Vasu
बात सारी गज़ब वो करता है,
दिल जो चाहे मगर न कहता है।

दरमियाँ कुछ नहीं है वैसे तो,
साथ हो वो नहीं तो खलता है।

उसकी आंखें जो कह रही हैं यूं,
जाने कहने से क्यूँ वो डरता है।

भूल जाना उसे नहीं मुमकिन,
चांंद ये रोज जो निकलता है।

कितने आये गये मगर देखो, 
दिल में अब भी वही खटकता है।

©Shailesh Maurya #गजल #शैलशायरी #शायरी 

#MereKhayaal  mohd Raza8 shayar Amar singh'nidhi Priyanka Jha Shamsher Junaid Khan Vishakha Vasu