अफ़सोस मेरी मोहब्बत ओंठो तक तो पहुंची मगर रूह तक पहुंच पाई नहीं उसने मुझे छोड़ दिया तो क्या कसूर उसका नहीं , वो हरजाई नहीं हरजाई