किसी शातिर सी परीक्षा के सवालों के पन्ने हैं, ज़िन्दगी क्या है, बस जवाब ही जवाब भरने हैं। कलम से कलाम तक, अल्प से पूर्णविराम तक, शहर से लेकर ग्राम तक, अल्लाह से लेकर राम तक, सवालों में उलझी सी, तरकीब लगाती, अंक बटोरने को बेताब सी,