*✍🏻“सुविचार"🖋️* *📚“28/9/2022”🙏🏻* *📙“बुधवार”💫* *“मां” का तीसरा और सबसे “महान गुण” स्वयं को ढालने की “अद्भुत शक्ति” जिस प्रकार एक “मां” स्वयं को “ढाल” सकती है कोई दूसरा नहीं कर सकता* *“मां” एक “महानदी” की भांति है जिसकी “ऊर्जा” असीमित है किंतु “अहंकार” बिल्कुल भी नहीं जिस प्रकार एक “नदी” ढलान के अनुरूप मुड़ जाती है उसी प्रकार एक “मां” भी अपनी “संतान” के अनुरूप “ढल” जाती है,चाहे जैसी भी परिस्थिति हो, “संतान के सोने” के समय की अनुरूप “स्वयं के सोने” का समय,“संतान के जागने” के समय “स्वयं के जागने” का समय,“संतान” की इच्छा का “भोजन” स्वयं की “मनपसंद” का भोजन बना लेती है,* *“मां” ऐसी होती है कि “संतान” की नींद ना टूटे, इसलिए एक “करवट” सोने का अभ्यास कर लेती है और इतना स्वयं को केवल वही “डाल” सकती है जो संतान की “ढाल” बन सकती है ऐसी “मां” को हमारा शत शत नमन...* *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"🖋️* *📚“28/9/2022”🙏🏻* *📙“बुधवार”💫* #Good_Positive #positivity