अक्सर टूटते तारों से दुआ करते है लोग ... पर तारो से बिछड़ने से अंबर तो रो ही पड़ता होगा ना ..! किनारे से तो बहता पानी खूबसूरत दिखता है .. पर नदी से किनारा अक्सर छूट जाता होगा ना ...!! हमसफ़र साथ चलते है तो जिंदगी खूबसूरत लगती है ... पर अक्सर साथ छूट जाने से रास्ता बदल जाता होगा ना .... तेरी तलाश मे निकलते है अल्फाज़ मेरे दिल से और तू गुनगुनाये तो ही गीत बनता होगा ना ... रुलाने मे सब को मजा कहा आता होगा, पर रोने से अश्क़ का आँखों से बिछड़ना होता होगा ना...! जिस्म से रूह का बिछड़ जाना लाश होता होगा ना... सब को जल्दी है कि दफ़्नावो इसे *ए- अमन* जल्द हटावो इसे , ऐसा मतलब सबका होता होगा ना ..!! #इमरान पठाण *अमन* # टूटते तारो से ..