मेरा मन खुद मुझ में ही विलीन सुकून की तलाश में मन मेरा मन .......... दरबदर भटकता रहा कभी किसी राह पर तो कभी किसी मंजिल पर वन मृग की भाती......... भटकता रहा मन मेरा मन दिल की बात