अरे कैसे छोड़ दूं मौका,मज़ाक है क्या,यूहीं बाबा तुमको, कितने जन्म लिए हैं,कितना सहा है,कितनो को गुरु किया, तप,दान,तीर्थ किए,अरे तड़पा तेरे लिए,तेरे मधुवन लिए, आवाज़ दबाई गयी तो मेरी धड़कनों ने बोलना शुरू किया, सुनते कहाँ थे लोग, यह दुनिया तो बड़ी बेरहम थी बाबा, शुक्रिया जो अपने पास बिठा लिया,दिल पर मलहम लगाया, अब छोड़ने का इरादा नही,विचार तक नही है ऐसा कोई बाबा, जिंदगी आपने दी,आपने संभाला आजतक,मैंने भी कुछ दम लगाया, अरे सांसे फूल गयी यहां पहुंचते पहुंचते आपके दर तक मेरी तो, सागर की डुबकी ना भी लगाऊं,सागर की निकटता ही पर्याप्त है, आत्मिक शीतलता की हवाएं यहां, हृदय को संतुष्ट करती है, आपकी गली ही जीवन की शुरुआत थी, और यही मेरा समाप्त है। #yqbaba #yqdidi #मधुवन