न जाने क्यों अब कुछ अच्छा नहीं लगता सच हो या झूठ हो अब कुछ अच्छा नही लगता सारे दोस्त मुझे ले गए थे दावत में दावत हो या मौसिकी अब कुछ अच्छा नहीं लगता जिसमें तू न हो वो वक़्त अच्छा नहीं लगता जिस मंदिर में न हो भक्त वो भी अच्छा नहीं लगता तेरे संग तो कुछ ही कदम चला था मैं अजीब पागलपन है अब सफ़र भी अच्छा नहीं लगता। अच्छा नही लगता #newwritten #december #nojoto #nojotohindi #alone