आदर्शों के महल हवा में खड़ा करने की भूल हुई है, अब इससे आगे बढ़ने के दिन आए हैं। जमीन पर रखे पांव इतने छलनी होते हैं कि उन्हें बादलों के घुमावदार छल्ले दिखाई नहीं देते। कभी कभी पांवों की भी सुननी चाहिए दिमाग के सातवें आसमान से उतर कर। #yqbaba #Ideals #ख़्वाबों_के_महल #yqaestheticthoughts #yqdidi #latenightquotes #YourQuoteAndMine Collaborating with Aesthetic Thoughts