एक बात तुम सारे ज़माने को बता दो! कुछ रिवाजे हैं तक्लिफ़ के,मिटा दो!! मायूसी तो हर चेहरे पर छाई है! चाहो तो मुस्कुराता नकाब हटा दो!! छल करने वाले कई लोग है यहां! तुम बस उनकी अहमीयत घटा दो!! कुछ आंखें रुआँसा सा मिलेंगे! फ़िर यू करो कि गले से लगा लो!! सोयी हुई है रूह तेरी बरसो से (सुमीत्)! तलाश है जगाए कोई रूह को तो बता दो!! ©Saurav Das #सोयी #रूह #Love