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#एक_मासूम_सी_लड़की ना दुनिया की समझ और ना ही सही

#एक_मासूम_सी_लड़की


ना दुनिया की समझ और ना ही सही और गलत का फर्क पता था उसे🥺 ,
ना तजुर्बा और ना समझदारी बड़ी मासूम बड़ी कम-शन थी वो लड़की 🙂,
हर किसी पर यकीन करती और अपनी धुन में रहतीं बड़ी मासूम थी वो लड़की😌 ,
भले ही सपने थोड़े छोटे पर इरादों की मजबूत थी वो लड़की जब थी खुली आंखें तो थी नहीं वो छोटी बच्ची😥 ,
कहते हैं कुछ भारी सा-गुजरा था उसके नाजुक से दिल के ऊपर से💔 ,
जो पहले सबको हंसाया करती थी लड़की अब क्यों वो थोड़ा  कम हंसा करती है😶 ,
मनमौजी सी वो एक लड़की अब थोड़ा सहमी-सहमी सी अब वो क्यों रहती है😟 ,
कैसे समेटा होगा उसने यह दुख अपने छोटे से कलेजे में ये बता पाना क्यों अब थोड़ा मुश्किल सा लगता है 🥺🥺🥺,
उसने खोया है अपना सारा बचपन अब वो खुद ही से बातें करती है जो हर बातों पर हंस जाया करती थी क्यों सहमी-सहमी सी अब वो रहती है😖😖...........

©~XÊviL__👑 ना दुनिया की समझ और ना ही सही और गलत का फर्क पता था उसे ,
ना तजुर्बा और ना समझदारी बड़ी मासूम बड़ी कम-शन थी वो लड़की ,
हर किसी पर यकीन करती और अपनी धुन में रहतीं बड़ी मासूम थी वो लड़की ,
भले ही सपने थोड़े छोटी पर इरादों की मजबूत थी वो लड़की जब थी खुली आंखें तो थी नहीं वो छोटी बच्ची ,
कहते हैं कुछ भारी सा-गुजरा था उसके नाजुक से दिल के ऊपर से ,
जो पहले सबको हंसाया करती थी लड़की अब क्यों वो थोड़ा  कम हंसा करती है ,
मनमौजी सी वो एक लड़की अब थोड़ा सहमी-सहमी सी अब वो क्यों रहती है ,
कैसे समेटा होगा उस
#एक_मासूम_सी_लड़की


ना दुनिया की समझ और ना ही सही और गलत का फर्क पता था उसे🥺 ,
ना तजुर्बा और ना समझदारी बड़ी मासूम बड़ी कम-शन थी वो लड़की 🙂,
हर किसी पर यकीन करती और अपनी धुन में रहतीं बड़ी मासूम थी वो लड़की😌 ,
भले ही सपने थोड़े छोटे पर इरादों की मजबूत थी वो लड़की जब थी खुली आंखें तो थी नहीं वो छोटी बच्ची😥 ,
कहते हैं कुछ भारी सा-गुजरा था उसके नाजुक से दिल के ऊपर से💔 ,
जो पहले सबको हंसाया करती थी लड़की अब क्यों वो थोड़ा  कम हंसा करती है😶 ,
मनमौजी सी वो एक लड़की अब थोड़ा सहमी-सहमी सी अब वो क्यों रहती है😟 ,
कैसे समेटा होगा उसने यह दुख अपने छोटे से कलेजे में ये बता पाना क्यों अब थोड़ा मुश्किल सा लगता है 🥺🥺🥺,
उसने खोया है अपना सारा बचपन अब वो खुद ही से बातें करती है जो हर बातों पर हंस जाया करती थी क्यों सहमी-सहमी सी अब वो रहती है😖😖...........

©~XÊviL__👑 ना दुनिया की समझ और ना ही सही और गलत का फर्क पता था उसे ,
ना तजुर्बा और ना समझदारी बड़ी मासूम बड़ी कम-शन थी वो लड़की ,
हर किसी पर यकीन करती और अपनी धुन में रहतीं बड़ी मासूम थी वो लड़की ,
भले ही सपने थोड़े छोटी पर इरादों की मजबूत थी वो लड़की जब थी खुली आंखें तो थी नहीं वो छोटी बच्ची ,
कहते हैं कुछ भारी सा-गुजरा था उसके नाजुक से दिल के ऊपर से ,
जो पहले सबको हंसाया करती थी लड़की अब क्यों वो थोड़ा  कम हंसा करती है ,
मनमौजी सी वो एक लड़की अब थोड़ा सहमी-सहमी सी अब वो क्यों रहती है ,
कैसे समेटा होगा उस
aakanshusharma1255

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