दरिया सा तू बह चला है जिस समंदर से मिलने, वो भी तेरे इंतज़ार में खड़ी है ना जाने क्या है तुम्हारे दरम्यान ना तू है प्यासा ना प्यास उसे लगी है फिर भी मिलन की चाह में ज़माने से तुम्हारी जंग छिड़ी है ©Nainika Jagat #मिलने_की_चाहत #unconditional love