इबादत करते थे जिस मिट्टी की वहीं कलम हमारा सर हो गया। अपनो ने गद्दारी की और खँडहर सा मेरा घर हो गया। और जन्नत कहता है जिसे ये जहान इस धरती का। हमारे लिए एक रात वो जहन्नम से बदतर हो गया। ©VISHAL VAIRAJ कश्मीरी पंडित के लिए शायरी by vishal vairaj ❤️❤️🙏 #Nojoto #the_kashmir_files #Shayari #SAD #Love #vishal_vairaj #vishal_vairaj_shayari #Broken #darkness